क्या ही पूछो की ये क्यूँकर हुआ
क्या ही पूछो की ये क्यूँकर हुआ
तुमसे हुआ न हम से सर हुआ
गिर गयी या है गिरायी इस बात पर
न्यूज़ चैनलों में हल्ला रात भर हुआ
तुमही पंडित मुल्ला तुमसे ज्ञान
बस करो यार बहुत ज़हर हुआ
मर ही न जाए क्यूँ कोई हो खुदा
सुना की तू संग ए मर मर हुआ
नोक ए सीना पे है गर्दन अपनी
कहा मेरा ग़लत कुछ अगर हुआ
चली आती है मिलने जब - तब
याद ना हुई खुदा का कहर हुआ
वो हो रहा हुक्कमरान ए शरीअत
हर मौलवी ही नया पैगंबर हुआ
खून खून लिखके पानी पढ़ता है
उसके भी लिये पागल शहर हुआ
पैकर ए फानी को खुदा कर दिया
माने कत्ल अपना अपने सर हुआ
बात सीने मे क्यूँ ना लगे नवाब
तू जितना जला और बेहतर हुआ
तुमसे हुआ न हम से सर हुआ
गिर गयी या है गिरायी इस बात पर
न्यूज़ चैनलों में हल्ला रात भर हुआ
तुमही पंडित मुल्ला तुमसे ज्ञान
बस करो यार बहुत ज़हर हुआ
मर ही न जाए क्यूँ कोई हो खुदा
सुना की तू संग ए मर मर हुआ
नोक ए सीना पे है गर्दन अपनी
कहा मेरा ग़लत कुछ अगर हुआ
चली आती है मिलने जब - तब
याद ना हुई खुदा का कहर हुआ
वो हो रहा हुक्कमरान ए शरीअत
हर मौलवी ही नया पैगंबर हुआ
खून खून लिखके पानी पढ़ता है
उसके भी लिये पागल शहर हुआ
पैकर ए फानी को खुदा कर दिया
माने कत्ल अपना अपने सर हुआ
बात सीने मे क्यूँ ना लगे नवाब
तू जितना जला और बेहतर हुआ
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