उम्र गुजरी है ये झूट
उम्र गुजरी है ये झूट
सच बताने में
वो नाम था कोई और
मिरे हर फसाने में
वक़्त भी गुजरा यूँ
की न गुजरी जमाने में
रहा कोई भी सफर
तू था आने जाने में
कुछ बात आई
हो गयी
कुछ ख़्वाबआया
खो गया
दरम्यां ये क्या हुआ
क्यूँ दरम्यां खो गया
हो क्या की फिर फिर
तलाश क्यूँ
की ढोये बातों की
लाश क्यूँ
किस्सा हो ये आसाँ कैसे
किस्सा भुलाने में
बहुत ज्यादा ही खोया मैंने
थोड़ा सा पाने में
कुछ कमीं की बात थी
हाँ ये हमीं की बात थी
हमको लगा ये अर्सा
हमको बताने में
सच बताने में
वो नाम था कोई और
मिरे हर फसाने में
वक़्त भी गुजरा यूँ
की न गुजरी जमाने में
रहा कोई भी सफर
तू था आने जाने में
कुछ बात आई
हो गयी
कुछ ख़्वाबआया
खो गया
दरम्यां ये क्या हुआ
क्यूँ दरम्यां खो गया
हो क्या की फिर फिर
तलाश क्यूँ
की ढोये बातों की
लाश क्यूँ
किस्सा हो ये आसाँ कैसे
किस्सा भुलाने में
बहुत ज्यादा ही खोया मैंने
थोड़ा सा पाने में
कुछ कमीं की बात थी
हाँ ये हमीं की बात थी
हमको लगा ये अर्सा
हमको बताने में
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