किधर जाएँगे
- Get link
- X
- Other Apps
दरख़्त्तो से होके अलग पत्ते किधर जाएँगे
तेरे दर से ना गये तो रस्ते किधर जाएँगे
है शिद्द्त ही नही की जिसके खातिर मर जाएँगे
खोज मुख़्तसर है जिनकी वो मुसाफिर किधर जाएँगे
मुख्तलिफ जान के भी हूँ सफ़र मे लोग सब जिधर जाएँगे
मुझमे मेरे मैं ही नही चल के भी कहीं अब किधर जाएँगे
तय है मर्ग-ए-सफ़र होगा दूर गम से अगर जाएँगे
हैं गम के मारे सो जिंदा है दूर गम से किधर जाएँगे
- Get link
- X
- Other Apps
Comments