इंतज़ार

दो पल की जिंदगी उधर चाहता हू
हा मरने से पहले एक बार चाहता हू
चाहता हू खाक बनने से पहले
और राख अपनी उड़ने से पहले
ये कहना  ..............
ये कहना की तेरा हाथ नही मागा था
तेरा साथ नही मागा था
माँगा था तो बस तेरा इंतज़ार.........
इंतज़ार की जिसमे दिन महीने साल गुज़र जाए
और वक़्त का साहिल तोड़ के हम उस पर निकल आए
जहाँ पर फिर तेरा इंतज़ार हो........
और इस इंतज़्ज़ार की उम्र हज़ार हो...........
क्योंकि इस इंतज़ार में वॅहम था तुझे पाने का
वजह थी एक झूठी ख़ुसी की
और मौका था मुस्कुराने का......................

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