ना समझना
आज की रात कतल की रात है
जो मुस्कुराए वो तो हसी ना समझना
सब समझाएँगे तुमको फिर भी
कातिल है सिर्फ़ कातिल यही ना समझना
नाम अलहदा किरदारो के
है दास्ताँ ये पुरानी नई ना समझना
अब जो करना तो ख़त्म कर ही देना
खंजर हो गया हूँ वही ना समझना
मुमकिन है साथ छूट जाए
ग़लत ना समझना जो सही ना समझना
बैठे हैं लोग दिलो मे बारूद ले के
जंग सिर्फ़ बाहर हो रही ना समझना
रास्ते बहुत हैं मंज़िलो को जाने के
जिसपे जाएँ सब इक वही ना समझना
कभी था ज़माना अब नही है
जो खा रहे हो दूध दही ना समझना
ऊसूल के सब तीन तेरह
भग्वा को पंडित दाढ़ी को मौलवी ना समझना
अल्लाह औ राम सब एक हैं
इस कदर भी बातों को सही ना समझना
जो मुस्कुराए वो तो हसी ना समझना
सब समझाएँगे तुमको फिर भी
कातिल है सिर्फ़ कातिल यही ना समझना
नाम अलहदा किरदारो के
है दास्ताँ ये पुरानी नई ना समझना
अब जो करना तो ख़त्म कर ही देना
खंजर हो गया हूँ वही ना समझना
मुमकिन है साथ छूट जाए
ग़लत ना समझना जो सही ना समझना
बैठे हैं लोग दिलो मे बारूद ले के
जंग सिर्फ़ बाहर हो रही ना समझना
रास्ते बहुत हैं मंज़िलो को जाने के
जिसपे जाएँ सब इक वही ना समझना
कभी था ज़माना अब नही है
जो खा रहे हो दूध दही ना समझना
ऊसूल के सब तीन तेरह
भग्वा को पंडित दाढ़ी को मौलवी ना समझना
अल्लाह औ राम सब एक हैं
इस कदर भी बातों को सही ना समझना
Comments
जिसपे जाएँ सब इक वही ना समझना
loved it brother, really nice!!!