इतिहास

इतिहास दो तरह का हो सकता है । एक जो दिखाई देता है दूसरा वो जो देखा जा सकता है, अब ये इस बात पर निर्भर है कि हम उसे कैसे देखना चाहते हैं। लोगो के अपने अपने मत हो सकते हैं इतिहास के किसी घटना विशेष को लेकर । ये मत इतिहास को डायनमिक बनाते हैं, लेकिन इतिहास अगर डायनामिक है तो इतिहास कैसे ?ऐसा समझिये की कई सारे आभासी  ब्रह्मांड एक वास्तविक ब्रह्मांड के समानांतर  चल रहे हों , फिर भी एक बात तो निश्चित तौर पे कही जा सकती है कि घटना के घटने का कोई एक मूल कारण (उत्प्रेरक कई हो सकते हैं)अवश्य रहा होगा और ऐसा बिल्कुल भी जरूरी नही जो हम जानते हैं वही सत्य हो। इतिहास संजीविनी है तो षड्यंत्र भी । मार्ग है तो मार्ग का कांटा भी । इतिहास लिखा जा रहा है तो बनाया (डॉक्टर्ड) भी । इतिहास वर्तमान को रास्ता दिखाता है भविष्य की ओर का , फिर स्वतः कल्पना की जा सकती है कि उस भविष्य का भविष्य कैसा  होगा जिसका "इतिहास" इतिहास भी न हो।

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