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      तो एक बार बीजेपी वाले ममता बनर्जी को गलत बता रहे थे जब वो बांग्लादेशियों को वेस्ट बंगाल में घुसा रही थी। आज बीजेपी वाले खुद ला रहे हैं। वक़्त वक़्त की बात है।उस समय ममता बनर्जी का जो पर्पज था आज उसी पर्पज को बीजेपी फॉलो कर रही है।
हिन्दू मुस्लमान ,मानवता, सेकुलरिज्म ,आदि परम्परा, आदि संस्कृति और वसुधैव कुटुम्भकम को एक बार साइड भी रख दें , तब भी इस बिल के आने से दो प्रॉब्लम हैं।
       पहली दिक्कत ये की आप के खुद के देश में जहां पापुलेशन का कोई इलाज नही और जिसकी वजह से तमाम परेशानियां हैं,बेरोजगारी फैली हुई है, जीडीपी गिर रहा है, रिसोर्सेज सीमित हैं। वहाँ आप बाहर से और लोगों को उठा के ले आ रहे हैं। ये लोग कहा रहेंगे, कहाँ जाएंगे, क्या करेंगे इसके बारे में आपकी क्या कार्य योजना है। कोई योजना है भी की नही? ये भी देखना होगा या सबको वोटर कार्ड थमा देना है ,काम खत्म।
       दूसरा ये कि देश की सिक्योरिटी से भी कोम्प्रोमाईज़ होगा।रॉ ने भी इसपर कंसर्न ज़ाहिर किया है।कल की डेट में कोई भी हिन्दू बन के इस कैब की सवारी करते हुए भारत की सीमा में आसानी से घुस सकता है।
      लेकिन अगर इन चीज़ों को दरकिनार कर दिया जाए तो मैं समझता हूँ कि कैब लाना बीजेपी का बहुत ही सराहनीय कदम है । कोई पार्टी तो है जिसने पड़ोसी देश के माइनरटीज का दर्द समझा। बीजेपी वालो में एक टैलेंट बहुत ही अच्छा है । वो नब्ज समझतें हैं वर्तमान की भी और भविष्य की भी।

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