JNU हिंसा v/s NRC हिंसा
CAA /NRC के विरोध पर लोगो ने बताया कि कुछ भी हो जाए हिंसा गलत है जो कि एक तरह से सही है ।योगी जी ने उत्तर प्रदेश में बहुत ही सराहनीय कदम उठाया, जो हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं, उनसे ही वसूली की जाए ऐसा कानून बना दिया लेकिन मैं समझता हूँ थोड़ी बहुत हिंसा धर्मरक्षको और देशभक्तों के लिये अलाऊ कर देनी चाहिए ।
JNU में जो हुआ बहुत अच्छा हुआ। कुछ लोग गमछा बांध के JNU में घुस गए और जम के हिंसा की। स्टूडेंट्स को मारा पीटा । वैसे मैं तो JNU के स्टूडेंट्स को स्टूडेंट्स मानता ही नही । ये सब साले देश के गद्दार हैं। पता नही सरकार क्या कर रही है? राष्ट्रपति JNU को देश की दूसरी सबसे बेस्ट यूनिवर्सिटी का अवार्ड दे रहे हैं, उस पर अव्वल कि सरकार देशद्रोही कन्हइया को आज तक जेल में नही ठूस पायी। ऐसा हो सकता है क्या ?कोई देशविरोधी नारे लगाए, सरकार को खुले में चैलेंज करे और फिर खुले में घूमे, न्यूज़ चैनलों पर डिबेट करे।
बहुत दुःख की बात है पिछले दिनों दीपिका पादुकोण भी उन गद्दारो से जा मिली। उसे क्या लगा था, जिस देश में जहाँ देशभक्ति ही लोगो का मुख्य पैशन है। वहाँ पर हिंसा के विरोध के नाम पर वो अपनी फ़िल्म का प्रमोशन कर लेगी। फ़िल्म की प्रोड्यूसर होने के नाते उसका बनता है कि वो फ़िल्म का प्रोमोशन करे लेकिन गद्दारों का सपोर्ट करके नही। ये हरगिज़ बर्दास्त नही किया जा सकता। चलो सपोर्ट किया तो किया , लेकिन फ़िल्म क्या बनाई, फ़िल्म का सब्जेक्ट भी क्या चुना कि जिसका इस सोसाइटी से कोई बहुत ज्यादा रेलेवन्स ही नही है। आप ही बताइए एसिड अटैक का मुद्दा देशभक्ति , गोरक्षा और हिंदुत्व से बड़ा है क्या। ऐसे गैरजरूरी छोटे छोटे बहुत सारे मुद्दे हैं अब सब पे फ़िल्म बनाई जाएगी क्या? कल तो फिर इकॉनमी ,महगाई और बेरोजगारी पे भी मूवी बनाएंगे। इंदिरा के टाइम "नेशनल इमरजेंसी" पे मूवी बनाई थी क्या?
लेकिन ये सो कॉल्ड सेक्यूलराइट्स अब छाती छाती पीट पीट के जीना हराम कर देंगे। बोलेंगे आप लोग jnu में हुई हिंसा का समर्थन कैसे कर सकते हैं या किसी भी हिंसा का समर्थन कैसे कर सकते हैं जबकि CAA/NRC के समय हुई हिंसा की तो निंदा कर रहे थे।
अरे इन गद्दारो को कौन समझाए, देश और धर्म की रक्षा के लिए की गयी हिंसा ,हिंसा नही होती। हिंसा तो आतंकवादी मेरा मतलब मुस्लमान करते हैं। बहुत ही शर्मिंदगी की बात है कि कुछ हिन्दू भाइयों ने भी इनका साथ दिया । प्रधानसेवक को NRC वाली बात से मुकरना नही चाहिए था। जब मोटा भाई ने क्रोनोलोजी समझा दी थी तब पीछे हटने का क्या मतलब था। मुझे गर्व है अपने देश की पुलिस पर जिसने जामिया में बिना किसी परमिशन के घुस कर पत्थरबाजों को सबक सिखाया मगर JNU में घुसने के लिये परमिशन का वेट करती रही।
मैं उन जाबाज़ देशभक्तों को सलाम करता हूँ जिन्होंने JNU में खुद देश का कानून हाथ में लेकर गद्दारो को सबक सिखाया और साथ ही उन लोगो को भी सलाम जो दीपिका की एसिड अटैक विक्टिम वाली मूवी का विरोध कर रहे हैं। इस देश को ऐसे लोगों या ऐसे सिनेमा की जरूरत नही जो छपाक से कहीं भी कूद पड़ते हैं। देश एक सोच और विचारधारा से चलता है और इस देश ने अपनी उस विचारधारा को अपना लिया है।
भारत माता की जय
वन्दे मातरम
नवाब
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