न किया हाँ कहने के बाद

ना किया हां कहने के बाद
क्या हो जाने क्या के बाद

घुल रहा है क्या फ़िकर में
क्या रहे घुलने के बाद

हैं सवाल अपनी जग़ह
क्या हो हल मिलने के बाद

मैं था कुछ और पहले
हूँ कुछ और जलने के बाद

जिंदगी है गयी जाने किधर
दर से तेरे चलने के बाद

तू मुझको लेने फिर से आये
गिरता हूँ सम्हलने के बाद

था मुंतज़िर मैं जाने किसका
होने से पहले होने के बाद



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