है कहानी कह रही

है कहानी कह रही कि नया लिखो
हो न पाया जो बयां वो बयां लिखो

दर्द ओ गम खुशियां हैं सबके ही वही
जिंदगी को तुम धुआँ  धुआँ  लिखो

आग बुझाने को एक आग लगा दी
दलदल के बाद गहरा कुआँ लिखो

उसने पर्दे हटा दिए खिड़कियों से
हुआ हैै माहौल तुम ख़ुशनुमा लिखो

लोग थे बदनाम रातों को कर दिया
ये बदनामी है खामा खां लिखो

जब कभी तुम मिरी दास्ताँ लिखो
मजबूरी  ही उसका उनवां लिखो


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