पहली ग़ज़ल जो मैंने मीटर में लिखी
पहली ग़ज़ल जो मैंने मीटर में लिखी
क्या हुआ दिल क्या हुआ मुझको बता
कोई आया याद क्या मुझको बता
2122 2122 212
दिल लगाने का हुनर जब था नही
दिल लगाया क्यूँ ये दिल मुझको बता
इस भरी सी बज़्म में उसका जिकर
है चला तो क्यूँ चला मुझको बता
ख़ाब मेरे ख़ाब भी मेरे नही
सोचता है ख़ाब क्या मुझको बता
गिर्या भी है बहते बहते बह गया
था रुका तू किस लिये मुझको बता
क्या हुआ दिल क्या हुआ मुझको बता
कोई आया याद क्या मुझको बता
2122 2122 212
दिल लगाने का हुनर जब था नही
दिल लगाया क्यूँ ये दिल मुझको बता
इस भरी सी बज़्म में उसका जिकर
है चला तो क्यूँ चला मुझको बता
ख़ाब मेरे ख़ाब भी मेरे नही
सोचता है ख़ाब क्या मुझको बता
गिर्या भी है बहते बहते बह गया
था रुका तू किस लिये मुझको बता
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