जबाँ गर्म है
जबाँ गर्म है
कहने दो
नही तो सम्हल जाएगी
ज़रा वक़्त गुजरा तो
मेरी बात बदल जाएगी
मेरी शक्लो सूरत से है
वाकिफ
सीरत से नही
सीरते जहाँ ये
की शक्लो सूरत बदल जाएगी
ये वो मोहब्बत तो नही
की साथ कल जाए
वक़्त बदला नही
की
मोहब्बत बदल जाएगी
हूँ उसकी चाल से वाकिफ़
मगर खामोश भी
गर चला अभी
तो उसकी चाल बदल जाएगी
ये तेरी
कहानियों में नाम
अलग अलग क्यूँ हैं
क्या नाम बदलने से
कहानी बदल जाएगी
जिंदगी है रोज़ वही
तो जिंदगी क्या है
ख्याल अच्छा है
पर क्या
जिंदगी बदल जाएगी
हम हैं कैद
और वहाँ हैं
जहाँ कोई पाबंदी नही
क्या तुम्हारी कैद
मेरी कैद से बदल जाएगी
कहने दो
नही तो सम्हल जाएगी
ज़रा वक़्त गुजरा तो
मेरी बात बदल जाएगी
मेरी शक्लो सूरत से है
वाकिफ
सीरत से नही
सीरते जहाँ ये
की शक्लो सूरत बदल जाएगी
ये वो मोहब्बत तो नही
की साथ कल जाए
वक़्त बदला नही
की
मोहब्बत बदल जाएगी
हूँ उसकी चाल से वाकिफ़
मगर खामोश भी
गर चला अभी
तो उसकी चाल बदल जाएगी
ये तेरी
कहानियों में नाम
अलग अलग क्यूँ हैं
क्या नाम बदलने से
कहानी बदल जाएगी
जिंदगी है रोज़ वही
तो जिंदगी क्या है
ख्याल अच्छा है
पर क्या
जिंदगी बदल जाएगी
हम हैं कैद
और वहाँ हैं
जहाँ कोई पाबंदी नही
क्या तुम्हारी कैद
मेरी कैद से बदल जाएगी
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