हमे दिल देने की

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हमे दिल देने की सजा दे रहा है
वो कबसे मुझे बेवजा दे रहा है

जिसे दिल से भेजी दुआ जा रही है
मुझे बदले में वो क़ज़ा दे रहा है

कैसी कश्मकश में डाले है मुझको
ना तो हाँ कहे ना रजा दे रहा है

नही खुश है वो भी मुझे देखके यूँ
न जाने उसे क्या मज़ा दे रहा है

ग़मे दिल ओ गिर्या बेरुखी मायूसी
मिटा के हमे वो अफज़ा दे रहा है






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