मेरी माँ बचपन से कहती थी

मेरी माँ बचपन से कहती थी, ये मत कर, चार लोग क्या कहेंगे . मैं यही सोचता था ये साले चार लोग हैं कौन , ज़िन्होने मेरी ज़िंदगी में धनिया बो दिया है..
फिर कुछ लोगो कोे देख कर समझ आया कहीं ये वही चार लोग तो नही जो मिस्टर इंडिया बनके धनिया बो रहे हैं......
पहले हैं ,ये साराहाह वाले जो फेसबुक पे पोस्ट शेयर करते हैं . मेरा तो सच्चाई और अच्छाई से भरोसा उठ गया था भाई . मुझे क्या पता था वो सारे सर्वगुन सम्पन्न लोग मेरी फ्रेंड लिस्ट में हैं .
दुसरे , जो अपनी फेसबुक प्रोफाईल पिक पर पिक्चर गार्ड/
प्रोटेक्टर का यूज़ करते हैं . अरे 70 हजार का फ़ोन चलाने वालो स्नैप शाट नामक चीजे भी होती है .ये वही लोग है जो ऐप्पल का फ़ोन लेते ही इसलिये हैं की बता सके ये एंड्राएड से बेहतर क्यूँ हैं . इन लोगो का तो ये भी कहना है मख्खन शब्द का इजाद ही ऐप्पल का टच चलाने के बाद हुआ .
तीसरे ,वो ...जो आंग्ल भाषा के हर अगले सेनटेन्श में "like" शब्द का प्रयोग करते हैं . अरे भाई तुम बिलकूल भी "cool" नही लगते like अब तो अंग्रेज भी हिन्दी सिखने लगे . तू भी बोल ले .
चौथे, ये मेरी समझ से परे हैं . मतलब राम रहीम जैसो के लिये जान देने को तैयार हैं . फिर ये वही लोग हैं जो न्यूज पेपर पढ़ कर बोलेंगे ये आज कल की दुनिया को हुआ क्या है.
मैंने सोचा जब यही वो चार लोग हैं तो क्या इनकी परवाह करना. करो जो तुम्हारा मन कहे .

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